क्या आप भी इस सवाल का जवाब ढूंढ़ रहे हैं कि पीतल के बर्तन में दूध पीने से क्या होता है ?
पीतल के बर्तन में दूध पीना सेहत के लिए हानिकारक है या लाभदायक, यह लेख पढ़ने के बाद आप इस प्रश्न का सही जवाब जान जायेंगे।
पीतल के बर्तन में दूध पीने से क्या होता है – Know How Milk Reacts with Brass Vessels
यूं तो पीतल के बर्तन के इस्तेमाल के बहुत फायदे हैं। पीतल के बर्तन में पानी पीना हमारे शरीर के लिए बहुत लाभदायक माना जाता है। लेकिन अगर बात पीतल के बर्तन में दूध पीने की हो तो वह फायदेमंद है या नुकसानदायक इसका निर्णय हम वैज्ञानिक आधार पर लेंगे।
पीतल के बर्तन में दूध पीना सही या गलत यह जानने के लिए हमें पीतल और दूध दोनों के रासायनिक गुण (Chemical Properties) जानने होंगे।
पीतल दो अन्य धातुओं तांबा और जिंक के मिश्रण से बनता है। पीतल में लगभग 70% प्रतिशत तांबा और 30% जिंक होता है।
Copper (तांबा) तथा Zinc (जिंक) ये दोनों ऐसी धातुएं हैं जो अगर Lactic Acid के संपर्क में आती हैं तो हानिकारक लवण (Salt) बनाती हैं। तांबा dilute Hydrochloric acid के साथ मिलने पर इस तरह के हानिकारक लवण नहीं बनाता लेकिन Lactic Acid के संपर्क में आने पर भोजन को खराब कर देता है।
यही कारण है कि तांबें के बर्तन में खाने-पीने की कोई भी ऐसी वस्तु नहीं रखी जाती जिसमें Lactic Acid पाया जाता है। चूंकि पीतल में 70% प्रतिशत तांबा मिला होता है इसलिए पीतल के बर्तनों में भी Lactic Acid वाली खाद्य सामग्रियों को नहीं रखा जाता।
क्या दूध में लैक्टिक अम्ल पाया जाता है – Does Milk contain Lactic Acid?
दूध में लैक्टिक अम्ल पाया जाता है या नहीं इस प्रश्न का जवाब हां है। दूध में Lactic Acid पाया जाता है।
दूध में फैट, प्रोटीन, Casein, Fat, व Ash के साथ-साथ Lactic Acid भी होता है।
क्या पीतल के बर्तन में दूध रखना चाहिए – हां या नहीं ?
चूंकि दूध में लैक्टिक अम्ल होता है व पीतल तांबा और जिंक के मिश्रण से बनता है इसलिए अगर हम पीतल के बर्तन में दूध रखते हैं तो वह थीड़ी देर बाद खराब होने लगता है।
यही वजह है कि पीतल के बर्तन में दूध रखने के लिए मना किया जाता है। पीतल के जिन बर्तनों में दूध गर्म किया जाता है या रखा जाता है उन पर टिन से कलई की जाती है।
क्या है पीतल के बर्तनों पर कलई करना – How to Tinned Brass Vessels?
पीतल के बर्तनों पर कलई कैसे की जाती है इस संदर्भ में अगर हम प्रक्रिया की बात करें तो Brass Utensils के अंदर टिन की कोटिंग करना कलई कहलाता है।
पीतल के बर्तनों को भोजन पकाने व खाने में बिना किसी Side Effect के इस्तेमाल किया जा सके इसलिए उनके अंदर वाले भाग पर टिन की कोटिंग की जाती है।
पीतल और दूध के मध्य संबंध को जानने के बाद आइये अब जान लेते हैं कि क्या पीतल के बर्तन में दूध पीना चाहिए?
फायदा या नुकसान – क्या प्रभाव पड़ता है पीतल के बर्तन में दूध पीने से?
पीतल के बर्तन में दूध पीने से हमारे शरीर पर कई तरह के नकारात्मक प्रभाव पड़ सकते हैं। Brass Vessels में रखा दूध पीने से क्या होता है चलिए जानते हैं।
पीतल के बर्तन में रखा दूध पीने से शरीर में पहुंच सकते हैं विषैले तत्व
पीतल के बर्तन में दूध पीने के नुकसान में एक मुख्य हानिकारक प्रभाव है विषैले तत्वों का शरीर में प्रवेश करना।
Brass Vessels में रखा दूध पीतल के संपर्क में आने से हानिकारक लवण बनाने लगता है। पीतल के बर्तन में रखा दूध पीने से ये हानिकारक लवण हमारे शरीर में प्रवेश कर सकते हैं। जिससे सेहत पर बुरा असर पड़ सकता है।
पीतल के बर्तन में रखा दूध पीने से हो सकती है फूड प्वाइजनिंग
दूध में मौजूद लैक्टिक अम्ल जब पीतल के साथ अभिक्रिया करता है तब वह कुछ जहरीले तत्व बनाता है।
जब हम पीतल के बर्तन में रखा दूध पीते हैं तो ये जहरीले तत्व हमारे शरीर में प्रवेश कर लेते हैं। ये हानिकारक विषैले तत्व शरीर में पहुंचकर फूड प्वाइजिंग का कारण भी बन सकते हैं।
पीतल के बर्तन में दूध पीने से हो सकता है स्वाद कड़वा
बहुत समय तक पीतल के बर्तन में रखा दूध स्वाद में कड़वा होने लगता है।
जब हम Brass vessels में रखा दूध पीते हैं तो वह मुंह का Taste भी कड़वा कर देता है। अतः पीतल के बर्तन में रखा दूध पीने से बचना चाहिए।
क्या कहते हैं पीतल के बर्तन में दूध पीने वाले लोग – Is It Ok to Drink Milk in Brass Vessels?
जो लोग पुराने समय में पीतल के बर्तन में दूध पीते थे वे बताते हैं कि पीतल के बर्तन में तुरंत दूध डालकर पीने से सेहत पर कोई बुरा प्रभाव नहीं पड़ता।
वे रोज पीतल के गिलास में ही दूध पीते थे जिससे उनके शरीर को कोई हानि नहीं पहुंची।
पीतल के बर्तन में दूध पीने के लिए क्या करें?
अगर आप दूध पीने के लिए पीतल के बर्तन का प्रयोग करना चाहते हैं तो कलई चढ़ा गिलास इस्तेमाल कर सकते हैं।
हमेशा Tinned Brass vessels का इस्तेमाल करें दूध पीने के लिए या फिर पीतल के बर्तन में तुरंत दूध डालकर उसी समय पी लें। देर तक पीतल के बर्तन में दूध न रखें।
क्यों छोड़ते हैं पीतल के बर्तन ज्यादा देर तक भोजन रखने पर हरा रंग?
आप पीतल के बर्तन में कड़ी बनाइये, दूध उबालिए, दही रखिये, खिचड़ी बनाईये या अन्य कोई व्यंजन, थोड़ी देर बाद आप देखेंगे कि पीतल के बर्तन में हरा रंग बनने लगा है।
क्यों होते हैं पीतल के बर्तन हरे इस प्रश्न का सही जवाब है कैमिकल रिएक्शन। तांबे धातु के ऑक्सीजन, पानी व कार्बनडाइ ऑक्साइड के संपर्क में आने पर Chemical Reaction होता है।
चूंकि पीतल लगभग 70 प्रतिशत तांबे से बना होता इसलिए यह भी Oxygen, Water, और Carbon dioxide के संपर्क में आने पर हरा रंग छोड़ने लगता है।
इस लेख में हमने विस्तार यह जाना कि पीतल के बर्तन में दूध पीने से क्या होता है । पीतल के बर्तन में दूध पीने के प्रभाव क्या हैं इस संबंध में अगर आपके कुछ विचार या सुझाव हों तो हमें कमेंट बॉक्स में अवश्य लिखें।
हमारे आपके विचारों का इंतजार रहेगा।
मेरा नाम सोनम सैनी है। मैं इस मंच – ‘मेरी पाकशाला’ की संस्थापिका हूँ। रसोई कला से सम्बंधित कोई भी जानकारी आप तक पहुंचाना मेरा उद्देश्य है। मैं एक प्रकाशित लेखिका व गीतकार भी हूँ।