भठूरे और कुलचे में क्या अंतर है अक्सर यह सवाल उन लोगों के द्वारा बहुत बार पूछा जाता है जिन्होंने कभी भठूरे या कुलचे का सेवन नहीं किया होता है। भठूरे व कुलचे दोनों के अलग होने के बावजूद भी कई बार बहुत से लोगों के द्वारा एक ही समझ लिये जाते हैं।
कुलचे और भठूरे दोनों ही एक दूसरे से बिल्कुल भिन्न हैं। हां एक जैसी सब्जी के साथ परोसे जाने के कारण लोग अक्सर इनके नाम में भ्रमित हो जाते हैं।
भठूरा कुचले से किस तरह अलग है यह जानने के लिए हमें बहुत पसंद किये जाने वाले इन दोनों व्यंजनों के बारे में सब कुछ जानना होगा जिससे कि यह स्पष्ट हो सके कि वास्तव में भठूरे और कुलचे में क्या अंतर है।
भठूरे और कुलचे में क्या अंतर है यह जानना क्यों जरूरी है?
कुलचे और भठूरे में क्या अंतर है यह जानना इसलिए भी जरूरी हो जाता है क्योंकि दोनों की अपनी-अपनी अलग उपयोगिताएं हैं। अगर किसी एक इंसान को भठूरे खाने का मन है तो वह कुलचे से काम नहीं चला सकता है। दोनों का स्वाद व खाने का तरीका एक-दूसरे से बिल्कुल अलग है।
क्या है भठूरे व कुलचे में अंतर – आइये जानते हैं
भठूरे व कुलचे के मध्य क्या समानताएं हैं व क्या असमानताएं हैं, हम इस सारणी की सहायता से जानते हैं।
भठूरा |
कुलचा |
उदगम
उत्तर प्रदेश |
भारतीय उपमहाद्वीप |
मुख्य सामग्री
मैदा |
मैदा |
बनावट (टैक्सचर)
नरम व पतला |
नरम व मोटा |
आटा तैयार होने में लगने वाला समय
2-3 घंटे |
2-3 घंटे |
बनाने में लगने वाला समय
1-2 मिनट |
4-5 मिनट |
बनाने की प्रक्रिया
तेल में तल कर |
तवे या ऑवन में सेक कर या बेक कर के |
स्वाद
हल्का नमकीन |
हल्का खट्टा |
साथ में परोसी जाने वाली सब्जी
सफेद छोले की सब्जी |
हरे सूखे मटर की सब्जी |
कैलोरी की मात्रा
204 कैलोरी (एक भठूरा) |
112 कैलोरी (एक कुलचा) |
तला या भुना
तला हुआ |
तवे पर सेका हुआ |
तैलीय
हां |
नहीं |
आटे में नमक की मात्रा
होती है |
होती है |
क्या घर पर बनाये जा सकते हैं
हां |
हां |
स्टफिंग कर सकते हैं या नहीं
हां |
हां |
पचने का समय
6-8 घंटे |
4-6 घंटे |
साथ में खाने के लिए एक सब्जी जरूर चाहिए
हां |
हां |
संबद्ध राष्ट्रीय व्यंजन
भारत, बांग्लादेश, पाकिस्तान |
भारत |
बिना Yeast के बनाया जा सकता है
हां |
हां |
क्या शरीर के लिए हानिकारक है
हां |
हां |
किसे नहीं खाना चाहिए
मधुमेह रोगी, ह्रदय रोगी आदि को |
मधुमेह रोगी, ह्रदय रोगी आदि को |
कैसे करें चुनाव कौन सा खायें
स्वादानुसार |
स्वादानुसार |
भूठरे और कुलचे में अंतर को विभिन्न बिन्दुओं के आधार पर जानने के बाद, आइये अब हम विस्तारपूर्वक भठूरे और कुलचे के अंतर को समझते हैं।
किसे माना जाता है भठूरे व कुलचे का उदगम स्थान?
भठूरे का उदगम स्थान उत्तर प्रदेश को माना जाता है जबकि अगर हम छोले भठूरे की बात करें तो उत्तर भारत, पंजाब, उत्तर प्रदेश ये सभी छोले भठूरे का उदगम स्थान होने का दावा करते हैं.
यूं तो छोले-कुलचे को पंजाब का बहुत ही प्रसिद्ध व्यंजन माना जाता रहा है लेकिन अगर हम सिर्फ कुलचे की बात करते हैं तो इसका उदगम भारतीय उपमहाद्वीप से संबध रखता है।
भठूरे व कुलचे बनाने के लिए कौन सी मुख्य सामग्री का प्रयोग किया जाता है?
अगर हम सिर्फ एक मुख्य सामग्री की बात करें जो कि भठूरे व कुलचे बनाने में समान रुप से प्रयोग होती है तो वह है मैदा। भठूरे व कुलचे दोनों ही मैदा से बनाये जाते हैं।
जबकि अगर हम इनकी अलग-अलग सभी आवश्यक यानि की मुख्य सामग्री की बात करें तो वह इस प्रकार होंगी –
भठूरे के लिए मुख्य सामग्री इस प्रकार है
मैदा, सूजी, दही, चीनी, नमक, बेकिंग सोड़ा, बेकिंग पाउडर या Yeast, व तेल।
कुलचे के लिए मुख्य सामग्री इस प्रकार है
मैदा, नमक, बेकिंग सोड़ा, बेकिंग पाउडर या Yeast, दही, हरा धनिया, व कलौंजी।
भठूरे व कुलचे की बनावट (टैक्सचर) में क्या अंतर होता है?
भठूरे बनावट में बहुत नरम एवं पतले होते हैं। जबकि कुलचे एक मोटी रोटी की तरह होते हैं। बनावट में थोड़ा मोटा होने के बाद भी कुलचे नरम होते हैं व आसानी से तोड़ कर खाये जा सकते हैं।
भठूरे व कुलचे के आटे (Dough) को तैयार होने में कितना समय लगता है?
भठूरे व कुलचे के आटे को बनने में कितना समय लगता है यह इस बात पर निर्भर करता है कि हम भठूरे व कुलचे को कैसे बनाना चाहते हैं। आजकल लोग तुरंत आटा लगाकर तुरंत भठूरे व कुलचे बना लेते हैं जिसके लिए वह आटे में बेकिंग पाउडर व बेकिंग सोड़ा दोनों का प्रयोग करते हैं।
अगर हम बिना खमीर उठाये भठूरे व कुलचे बनाते हैं तो इसके आटे को बनने में 5 से 10 मिनट लगते हैं लेकिन अगर हम आटे में खमीर उठा कर (Yeast या बेकिंग पाउडर और बेकिंग सोड़ा का इस्तेमाल करके) भठूरे या कुलचे बनाते हैं तो इसमें आटे को बनने में लगभग 2 से 3 घंटे का समय लग जाता है।
भठूरे व कुलचे को बनाने में कितना समय लगता है?
बेलने से लेकर तलने तक एक भठूरे को बनाने में 1 से 2 मिनट का समय लगता है। जिस तेल में भठूरे को तला जाता है वह बहुत गर्म तेल होता है जिससे कि भठूरे को तेल में डालने के बाद भठूरा सिर्फ कुछ मिनट में ही बनकर तैयार हो जाता है।
कुलचे को बेलने से लेकर तवे पर सेकने या ओवन में बेक करने में जो समय लगता है वह है 4 से 5 मिनट। एक कुलचा 4 से 5 मिनट में बनकर तैयार हो जाता है।
क्या है भठूरे व कुलचे बनाने की प्रक्रिया?
भठूरे को तेल में तल कर (फ्राई) बनाया जाता है जबकि कुलचे को या तो माइक्रोवेव ओवन में बेक कर लिया जाता है या फिर तवे पर सेक लिया जाता है।
भठूरे और कुलचे का स्वाद कैसा होता है?
भठूरा स्वाद में हल्का नमकीन होता है जबकि कुलचे का स्वाद हल्का खट्टा होता है।
कुलचे और भठूरे के साथ कौन सी सब्जी परोसी जाती है?
छोले-भठूरे, छोले-कुलचे – इनका स्वाद कौन नहीं जानता होगा। भठूरे व कुलचे से अगर छोले को हटा दिया जाये तो यह दोनों बहुत अधुरे से लगने लगते हैं।
भठूरे व कुलचे दोनों के साथ ही छोले की सब्जी परोसी जाती है लेकिन इन दोनों सब्जियों के लिए जिन छोले का इस्तेमाल किया जाता है वह दोनों रंग, रूप, प्रकार में एक दूसरे से अलग होते हैं।
भठूरे के साथ जो छोले परोसे जाते हैं वह सफेद काबुली छोले होते हैं जिन्हें अच्छा सा तड़का लगा कर बहुत सारे मसालों के साथ बनाया जाता है।
जबकि जो छोले कुलचे के साथ परोसे जाते हैं वो हरी मटर को उबाल कर बिना तड़के व मसालों के बनाये जाते हैं। हरी मटर में कटा हुआ प्याज, नमक, मिर्च, हरा धनिया व नींबू आदि जरूर मिलाया जाता है।
कितनी होती है कैलोरी की मात्रा भठूरे और कुलचे में?
सीधे तेल में तले होने के कारण एक भठूरे में लगभग 204 कैलोरी की मात्रा पायी जाती है जबकि तवे या ओवन में बिना तेल के पकाने पर एक कुलचे में लगभग 112 कैलोरी की मात्रा पायी जाती है।
भठूरे और कुलचे में कौन सा होता है तला हुआ व कौन सा होता है भुना हुआ?
भठूरे और कुलचे में यह एक खास अंतर होता है कि भठूरे को हमेशा तेल में तल कर (डीप फ्राई) बनाया जाता है जबकि कुलचे को ओवन या तवे पर सेका जाता है।
भठूरे और कुलचे में कौन सा होता है सबसे ज्यादा तैलीय (Oily)?
तेल मे तलकर बनाने की वजह से भठूरे तैलीय होते हैं जबकि कुलचे को बिना तेल/घी या नाममात्र तेल के साथ सेक कर बनाया जाता है अतः कुलचे तैलीय नहीं होते हैं।
क्या कुलचे व भठूरे दोनों के आटे में नमक मिलाया जाता है?
कुलचे व भठूरे दोनों के लिए आटा गूथने की प्रक्रिया सामान्यतः एक जैसी ही होती है व दोनों तरह के आटे में ही नमक मिलाया जाता है।
क्या हम घर पर भठूरे या कुलचे बना सकते हैं?
क्या भठूरे या कुलचे को घर पर बनाना आसान है – इसका सीधा-सीधा सा जवाब है – हां। हम बहुत ही आसानी से अपने घर पर भठूरे व कुलचे बना सकते हैं वो भी एकदम स्वादिष्ट।
बाकि व्यंजनों की तरह भठूरे या कुलचे को घर पर बनाना भी बेहद आसान होता है।
क्या हम भठूरे या कुलचे में स्टफिंग कर सकते हैं?
देश के विभिन्न कोनों में आपको भिन्न-भिन्न प्रकार के भठूरे या कुलचे खाने को मिल जाते हैं। हर एक शहर, राज्य का अपना एक अलग अंदाज होता है किसी भी व्यंजन को अपनी संस्कृति के अनुसार प्रस्तुत करना।
अगर हम कुलचे की बात करें तो हां हम कुलचे को भरवां यानि कि स्टफिंग कर के भी बना सकते हैं और बिना भरवां भी। देश के अलग-अलग स्थानों पर अलग-अलग तरह के कुलचे खाने को मिलते हैं जैसे कि आलू टिक्की-कुलचे, छोले-कुलचे, अमृतसरी कुलचे, स्टफ्ड कुलचे आदि।
बात जब भठूरे की आती है तो देश के हर एक कौने में हमें अधिकतर एक ही तरह के भठूरे खाने को मिलते हैं जो कि भरवां यानि कि स्टफ्ड नहीं होते हैं। लेकिन देश के दिल दिल्ली में हमें पनीर वाले भरवां भठूरे भी देखने को मिलते हैं।
अतः चाहे भठूरे हों या कुलचे दोनों को ही हम स्टफ्ड यानि कि भरवां बना सकते हैं।
कितना समय लेता है एक भठूरा या एक कुलचा हमारे शरीर में पचने में?
खाना चाहे हम कोई भी क्यों न खायें विज्ञान के अनुसार हमारा शरीर किसी भी खाने को सही तरीके से पचाने में कम से कम 6 से 8 घंटे का समय तो लेता ही हैं।
अगर हम भठूरे की बात करें तो यह तैलीय होते हैं जिसके कारण इसे हमारे शरीर में पचने में अधिक समय लगता है। प्रत्येक व्यक्ति के लिए यह समय अलग-अलग हो सकता है लेकिन अगर हम एक सामान्य व्यक्ति की बात करें तो भठूरे को पचाने में एक सामान्य व्यक्ति को 6 से 8 घंटे लग सकते हैं।
जबकि कुलचे के रोटी की तरह सिका हुआ या बेक होने के कारण एक सामान्य व्यक्ति के द्वारा इसे जल्दी लगभग 4 से 6 घंटे में पचा लिया जा सकता है।
क्या भठूरे व कुलचे के साथ खाने के लिए किसी सब्जी का होना जरूरी है?
भठूरे अधिकतर बिना किसी स्टफिंग के बनाये जाते हैं और इन्हें छोले के साथ ही पसंद किया जाता है। बिना छोले के भठूरे अधूरे हैं। अतः हां भठूरे के साथ साइड सब्जी के रुप में छोले का होना जरूरी है।
कुलचे को भारत में विभिन्न तरीकों से बनाया जाता है। अगर कुलचे स्टफ्ड हैं तो साथ में चटनी तो होनी ही चाहिए और अगर कुलचे प्लैन हैं तो फिर भठूरे की तरह ही कुलचे के साथ भी छोले का होना जरूरी होता है।
भारत के अलावा वह कौन से देश हैं जहां भठूरे व कुलचे को भारत के लोगों की तरह ही पसंद किया जाता है?
अगर बात भठूरे की करें तो हमारे भारत के अलावा भी कई देशों में इसे हमारे यहां के लोगों की तरह ही बहुत पसंद किया जाता है। भारत के अलावा भठूरे को पसंद करने वाले देशों की सूची में बांग्लादेश व पाकिस्तान भी शामिल हैं।
कुलचे विशेष तौर पर भारत में ही बनाये व पसंद किये जाते हैं।
क्या कुलचे व भठूरे को बिना Yeast के भी बनाया जा सकता है?
कुलचे व भठूरे को Yeast के साथ व Yeast के बिना दोनों ही तरह से बनाया जा सकता है। भठूरे व कुलचे के आटे को बनाने के लिए हम किसी बने हुए Yeast का भी प्रयोग कर सकते हैं व बिना Yeast के बेकिंग पाउडर व बेकिंग सोड़ा का इस्तेमाल कर के भी बना सकते हैं।
दोनों ही तरह से भठूरे व कुलचे बहुत स्वादिष्ट बन जाते हैं।
क्या भठूरे व कुलचे हमारे शरीर के लिए हानिकारक है?
क्या हमारे शरीरे के लिए भठूरे और कुलचे का सेवन करना सही है?, क्या हमें भठूरे या कुलचे खाने चाहिए?, भठूरे या कुलचे खाने से हमारे शरीर को क्या-क्या नुकसान पहुंचते हैं? ये सारे सवाल अक्सर हमारे दिल और दिमाग को अपने जाल में फंसा लेते हैं जब भी हमारा मन हमारे मनपसंद भठूरे या कुलचे खाने को करता है।
भठूरे और कुलचे दोनों को ही बनाने के लिए मैदा का प्रयोग किया जाता है। यूं तो मैदा गेंहू से ही बनता है लेकिन गेंहू से मैदा बनाने की प्रक्रिया में आटे से वो सारे जरूरी Endosperm को निकालकर अलग कर दिया जाता है जो हमारे शरीर में खाने को पचाने में सहायता करते हैं।
मैदा से बना कोई भी व्यंजन, फूड़ आइटम हमें नहीं खाना चाहिए क्योंकि यह हमारे शरीर के लिए बहुत हानिकारक होता है।
किसे नहीं करना चाहिए भठुरे व कुलचे का सेवन?
भठूरे व कुलचे दोनों ही मैदा से बनाये जाते हैं इसलिए उन सभी लोगों को जिन्हें मधुमेह, उक्त रक्तचाप, ह्रदय संबधी या अपच संबधिंत बीमारी है उन्हें भठूरे व कुलचे का सेवन नहीं करना चाहिए।
कैसे करें चुनाव कि भठूरे खायें या कुलचे जब बाहर खाने की हो योजना?
अपने स्वाद के अनुसार। जी हां आप अपने स्वाद के आधार पर यह तय कर सकते हैं कि आपको भठूरे खाने चाहिए या कुलचे।
अगर आपको बहुत तीखा, तला हुआ खाना पसंद है तो आप भठूरे का चुनाव कर सकते हैं क्योंकि भठूरे को अधिकतर मसालेदार छोले के साथ ही परोसा जाता है।
लेकिन अगर आप बहुत तीखा व तला हुआ खाना पसंद नहीं करते हैं तो निश्चित ही आपको कुलचे का चुनाव करना चाहिए क्योंकि अधिकतर प्लैन कुलचे उबली हुई मटर में बुहत कम मसालों का प्रयोग कर के ही परोसे जाते हैं व ये ज्यादा तीखे भी नहीं होते हैं।
यह लेख पढ़ने के बाद अब आपको ये पूर्ण जानकारी हो गई होगी कि भठूरे कुलचे से किस तरह अलग हैं, दोनों में क्या अंतर है व दोनों को किस तरह अलग-अलग तरीके से बनाया जाता है। अब जब भी कभी भठूरे या कुलचे खाने का मन हो तो आर्डर करते हुए कन्फूज नहीं होइयेगा।
मेरा नाम सोनम सैनी है। मैं इस मंच – ‘मेरी पाकशाला’ की संस्थापिका हूँ। रसोई कला से सम्बंधित कोई भी जानकारी आप तक पहुंचाना मेरा उद्देश्य है। मैं एक प्रकाशित लेखिका व गीतकार भी हूँ।