आज हम अपने इस लेख में यह विस्तारपूर्वक जानेंगे कि लाल मिर्च कितने प्रकार की होती है। देश में विभिन्न स्थानों पर उगने वाली लाल मिर्च व हरी मिर्च की कुल संख्या में अंतर होता है क्योंकि सभी हरी मिर्च लाल मिर्च नहीं होती हैं।
लाल मिर्च के विभिन्न प्रकार होते हैं। चूंकि हरी मिर्च से ही लाल मिर्च बनती है इसीलिए हमें यह जानने के लिए कि लाल मिर्च के कितने प्रकार होते हैं, हरी मिर्च की उन विभिन्न किस्मों के बारे में जानना होगा जिनसे कि लाल मिर्च बनाई जाती है।
मिर्च की कितनी किस्में होती हैं, आइये जानते हैं विस्तार से।
लाल मिर्च कितने प्रकार की होती है, कहां उगाई जाती है – पूरी जानकारी
बात चाहे हरी मिर्च की हो या लाल मिर्च की, हमारे देश में विभिन्न किस्मों की मिर्च उगायी जाती है। अन्य सब्जियों की तरह ही मिर्च की फसल का भी अपना एक अलग तरीका होता है जो कि हमें कच्ची अर्थात हरी मिर्च व पकी हुई अर्थात लाल मिर्च उपलब्ध करवाता है।
मिर्च की किस्म व किसान की जरूरत पर निर्भर करता है कि मिर्च को हरा ही बेचना है या पका कर लाल मिर्च के रूप में बाजार में उपलब्ध करवाना है।
भारत में मिर्च की एक नहीं ब्लकि 27 ऐसी किस्में हैं जो कि लाल मिर्च के रूप में बाजार में उपलब्ध होती हैंं। कौन सी हैं लाल मिर्च की ये 27 वैरायटी, आइये जानते हैं।
1. तेलंगाना में उगने वाली वरांगल चप्पट्टा (Warangal Chappatta Chilli) है एक सामान्य तीखी लाल मिर्च
वरांगल चप्पट्टा लाल मिर्च जिसे टमाटर लाल मिर्च के नाम से भी जाना जाता है लाल मिर्च की विभिन्न किस्मों में से एक है। लाल मिर्च के प्रकार में यह पहला प्रकार है जो लाल मिर्च के रूप में भारत में बहुत प्रयोग किया जाता है।
Warangal Chappatta मिर्च अर्थात Tomato Red Chilli की खेती भारत के तेलंगाना राज्य के वरांगल शहर में मुख्य रूप से की जाती है। वरांगल चप्पट्टा लाल मिर्च में तीखेपन का स्तर 8,000 SHU होता है जो कि बहुत कम है।
वरांगल चप्पट्टा लाल मिर्च देखने में कैसी लगती है अगर हम इसकी बात करें तो वरांगल चप्पट्टा लाल मिर्च का रंग गाढ़ा लाल होता है व यह मिर्च साइज में छोटी व थोड़ी मोटी होती है।
क्यों किया जाता है वरांगल चप्पट्टा लाल मिर्च का प्रयोग खाने में?
टमाटर लाल मिर्च अर्थात वरांगल चप्पट्टा लाल मिर्च का प्रयोग अधिकतर खाने में अच्छा रंग लाने के लिए किया जाता है। वरांगल चप्पट्टा लाल मिर्च खाने में ज्यादा तीखी नहीं होती है।
2. कंठारी (Kanthari Chilli) है मिजोरम व मणिपुर में उगने वाली एक तीखी मिर्च
कितने किस्म की होती है लाल मिर्च इस क्रम में हम जिस अगली लाल मिर्च की बात करने जा रहे हैं वह देश में एक नहीं बल्कि कई नाम से मशहूर है।
कंठारी लाल मिर्च जिसे Bird’s Eye Chilli, Bird’s chilli, Bird Eye Chilli, Thai Chilli व धानी आदि नामों से भी जाना जाता है एक बहुत ही तीखी मिर्च है जिसे केरल में पारंपरिक भोजन में बहुत अधिक इस्तेमाल किया जाता है।
कंठारी लाल मिर्च को विश्व की 10 सबसे ज्यादा तीखी मिर्च में गिना जाता है। कंठारी मिर्च देखने में छोटी व सामान्य मिर्च से थोड़ी मोटी होती है। कंठारी अर्थात धानी लाल मिर्च की खेती भारत में मिजोरम व मणिपुर में की जाती है।
कंठारी मिर्च का प्रयोग क्यों किया जाता है किसी भी प्रकार के भोजन में?
कंठारी मिर्च में तीखेपन का स्तर बहुत अधिक होता है जिस कारण भोजन में तीखापन लाने के लिए इसे अधिक प्रयोग किया जाता है। साथ ही कंठारी मिर्च को भोजन में रंग लाने के लिए भी प्रयोग किया जाता है।
कंठारी लाल मिर्च में तीखेपन का स्तर 50,000 से 1,00,000 SHU होता है।
3. आन्ध्र प्रदेश में उगने वाली बोरिया लाल मिर्च (Red Button Chilli) लगती हैं स्वाद में बहुत तीखी
लाल मिर्च की कितनी वैरायटी होती है इस श्रृंखला में अब हम बात करने जा रहे हैं बोरिया लाल मिर्च (Boriya Mirch) अर्थात Red Button Chilli की।
बोरिया लाल मिर्च की अगर हम बात करें तो यह देखने में बहुत ही अनोखी लगती हैं। बोरिया लाल मिर्च आकार में गोल व छोटी होती हैं जबकि इनका रंग हल्के लाल रंग से लेकर गहरा लाल होता है।
बोरिया लाल मिर्च का उत्पादन आन्ध्र प्रदेश में किया जाता है। ये स्वाद में बहुत तीखी होती हैं।
किस लिए किया जाता है बोरिया लाल मिर्च का प्रयोग खाने में?
बोरिया लाल मिर्च अपने तीखेपन के लिए जानी जाती है। खाने में बोरिया लाल मिर्च का प्रयोग हम तब करते हैं जब हमें खाने को कम मिर्च का प्रयोग करके ज्यादा तीखा बनाना होता है।
4. रामनद मुंडू/गुंडू (Ramnad Mundu/Gundu Chilli) है लाल मिर्च की विभिन्न किस्मों में एक
लाल मिर्च कितने प्रकार की होती है इस प्रश्न के जवाब में अब हम बात करने जा रहे हैं रामनद मुंडू मिर्च की जिसे कि रामनद गुंडू के नाम से भी जाना जाता है।
अधिकतर लोग रामनद गुंडू और बोरिया लाल मिर्च में अंतर नहीं कर पाते हैं और सोचते हैं कि ये दोनों एक ही मिर्च के दो अलग-अलग नाम हैं जबकि ऐसा नहीं है।
रामनद गुंडू मिर्च व बोरिया मिर्च दो अलग-अलग किस्म हैं जो कि देखने में कुछ हद तक एक जैसी ही लगती हैं। बोरिया लाल मिर्च का साइज रामनद गुंडू मिर्च की अपेक्षा थोड़ा बड़ा होता व ये रामनद गुंडू मिर्च की तुलना में कम तीखी होती हैं।
क्यों किया जाता है भोजन में रामनद मुंडू लाल मिर्च का इस्तेमाल?
तमिलनाडु के रामनद इलाके में उगने वाली रामनद मुंडू लाल मिर्च खाने में बहुत तीखी होती हैं अतः खाने में तीखापन लाने के लिए इनका प्रयोग किया जाता है।
5. भूत जोलोकिया लाल मिर्च (Bhut Jolokia – Ghost Pepper Chilli)
असमी भाषा में Bhutan Pepper के नाम से प्रचलित भूत जोलोकिया (Ghost Pepper Chilli) लाल मिर्च की कितनी किस्में पायी जाती है इस श्रृंखला में हमारी अगली लाल मिर्च है।
मूलतः उत्तर भारतीय क्षेत्र में उगाई जाने वाली भूत जोलोकिया लाल मिर्च को विश्न की सबसे ज्यादा तीखी मिर्च में गिना जाता है। भूत जोलोकिया लाल मिर्च में जो तीखेपन का स्तर पाया जाता है वह है 855,000 – 1,041,427 SHU।
कंठारी लाल मिर्च की तरह भूत जोलोकिया मिर्च को भी अलग-अलग नामों से जाना जाता है। जहां एक और तेजपुर में भूत जोलोकिया को तेजपुर मिर्च के नाम से जाना जाता है वहीं दूसरी और मणिपुर में ओ-मोरोक (Tree Chilli) के नाम से भूत जोलोकिया मिर्च प्रसिद्ध है।
खाने में भूत जोलोकिया लाल मिर्च का प्रयोग क्यों किया जाता है?
चूंकि भूत जोलोकिया एक बहुत तीखी मिर्च है, इसे किसी भी व्यंजन में तीखापन लाने के लिए प्रयोग किया जाता है। भूत जोलोकिया मिर्च देखने में कम लंबी व हल्की मोटी होती हैं जबकि यह की लाल रंग के साथ-साथ की अन्य रंगों में भी उपलब्ध होती है।
6. जम्मू के साथ-साथ गोवा व हिमाचल प्रदेश में भी उगाई जाती है कश्मीरी लाल मिर्च (Kashmiri Mirch)
कश्मीरी मिर्च भारत में प्रसिद्ध लाल मिर्च की विभिन्न वैरायटी के नाम की सूची में एक बहुत जानी-पहचानी मिर्च है जिसे खाने में बहुतायत में प्रयोग किया जाता है।
कश्मीरी मिर्च भारत में जम्मू व कश्मीर, हिमाचल प्रदेश व गोवा के कुछ स्थानों पर उगाई जाती है जिसे देशभर में कश्मीरी लाल मिर्च पाउडर के नाम से बहुतायत में प्रयोग किया जाता है।
अगर हम कश्मीरी लाल मिर्च के रंग की बात करें तो यह गहरे लाल रंग की होती हैं व देखने में सामान्य लाल मिर्च के थोड़ी कम लंबी व ज्यादा मोटी होती हैं।
कश्मीरी लाल मिर्च का प्रयोग किसी भी व्यंजन में क्यों किया जाता है?
कश्मीरी मिर्च देखने में लाल व खाने में हल्की तीखी होती हैं। किसी भी व्यंजन में कश्मीरी लाल मिर्च का प्रयोग उस व्यंजन में एक अच्छा रंग, स्वाद व महक लाने के लिए किया जाता है।
7. गुन्टुर सन्नम S4 (Guntur Sannam S4 Chilli) है तेलंगाना में उगने वाली एक और प्रसिद्ध लाल मिर्च
देश में कितने प्रकार की लाल मिर्च उगाई जाती है इस संदर्भ में अब हम बात करने जा रहे हैं एक और तीखी लाल मिर्च गुन्टुर सन्नम S4 (Guntur Sannam S4 Chilli) की।
भारत के दो प्रमुख राज्यो तेलंगाना व आन्ध्र प्रदेश में उगाई जाने वाली गुंटुर सन्नम S4 देखने में लंबी, पलती व गहरे लाल रंग की मिर्च होती हैं। गुन्टुर सन्नम S4 लाल मिर्च को उगाने के लिए दिसंबर से लेकर मार्च का समय उपयुक्त माना जाता है।
किस काम आती है गुन्टुर सन्नम S4 लाल मिर्च किसी भी तरह के भोजन में?
गहरा लाल रंग व तीखेपन का स्तर 35,000 से 40,000 SHU होने के कारण गुन्टुर सन्नम S4 लाल मिर्च का प्रयोग प्रायः किसी भी व्यंजन में बढ़िया रंग व तीखापन लाने के लिए किया जाता है।
8. भारत के विभिन्न स्थानों पर बहुतायत में उगाई जाती है ज्वाला लाल मिर्च (Jwala Chilli)
लाल मिर्च कितने प्रकार की होती है जब हम इस बारे में बात करते हैं तो ज्वाला मिर्च का नाम लिस्ट में जरूर आता है। 20,000 से 30,000 SHU के साथ ज्वाला मिर्च को तीखी मिर्च में गिना जाता है।
ज्वाला मिर्च के आकार की बात अगर करें तो ये पतली व लंबी मिर्च होती हैं जो कि लंबाई में चार इंच के बराबर होती हैं। इनका रंग लाल होता है व इन्हें पाउडर और साबुत दोनों रूप में खाने में प्रयोग किया जाता है।
ज्वाला लाल मिर्च को भारत में विभिन्न स्थानों पर बहुतायत में उगाया जाता है।
क्यों करते हैं हम भोजन में ज्वाला मिर्च का प्रयोग?
ज्वाला मिर्च खाने में बहुत तीखी होती हैं इसीलिए किसी भी व्यंजन में ज्वाला मिर्च का प्रयोग खाने में तीखापन लाने के लिए किया जाता है। साथ ही गहरा लाल रंग होने के कारण किसी भी तरह की ग्रेवी में इन्हें तीखेपन के साथ-साथ अच्छे रंग के लिए इस्तेमाल किया जाता है।
9. कर्नाटक की ब्यादगी लाल मिर्च (Byadagi Chilli) उपलब्ध होती है दो अलग-अलग रुप में
लाल मिर्च की विभिन्न किस्में जिनके बारे में आज हम विस्तार से जान रहे हैं में ब्यादगी मिर्च का अपना एक अलग स्थान है। कर्नाटक में उगने वाली Byadagi Chilli दो वैरायटी में बाजार में उपलब्ध होती हैं एक डब्बी, एक कड्डी।
कड्डी ब्यादगी और डब्बी ब्यादगी इन दोनों ही किस्मों में बहुत अंतर है। कड्डी ब्यादगी आकार में पतली, लंबी व टेढ़ी-मेढ़ी होती हैं जिनमें बीज की संख्या बहुत ही कम होती है।
जबकि डब्बी ब्यादगी मिर्च में बीजों की संख्या बहुत ज्यादा होती है। डब्बी ब्यादगी मिर्च स्वाद में कड्डी मिर्च की तुलना में कम तीखी होती है। अगर हम डब्बी मिर्च के आकार की बात करें तो ये कड्डी मिर्च की तुलना में लंबी नहीं बल्कि गोल, मोटी व छोटी होती हैं।
क्यों होता है ब्यादगी मिर्च की दोनों किस्मों का प्रयोग भोजन में?
डब्बी ब्यादगी मिर्च का प्रयोग अधिकतर मसाले बनाने में किया जाता है। कम तीखी व गहरे रंग के होने की वजह से Dabbi Byadagi मिर्च का प्रयोग किसी भी व्यंजन में रंग व हल्के तीखेपन के लिए किया जाता है।
कड्डी ब्यादगी (Kaddi Byadagi) लाल मिर्च में तीखापन ज्यादा होने के कारण इनका प्रयोग खाने में तीखापन व रंग लाने के लिए किया जाता है।
10. देश ही नहीं विदेशों में भी की जाती है बहुतायत में इस्तेमाल कायन पैपर (Cayenne Pepper) लाल मिर्च
कायन पैपर लाल मिर्च की एक और फेमस वैरायटी है। Cayenne Pepper एक तीखी लाल मिर्च है जिसकी SHU 30,000 से 50,000 के बीच पायी जाती है।
कायन पैपर भारत में ही नहीं ब्लकि विदेशों में भी उगाई व इस्तेमाल किये जाने वाली मिर्च है जो कि गहरे लाल रंग में बाजार में उपलब्ध होती हैं। कायन पैपर आकार में सामान्य मिर्च के मुकाबले कम लंबी होती हैं जबकि मोटाई में हल्की ज्यादा मोटी होती हैं।
कायन पैपर लाल रंग की फूली हुई चिकनी स्कीन वाली मिर्च होती हैं जो साबुत व पाउडर दोनों तरह से खाने में प्रयोग की जाती हैं।
कायन पैपर का प्रयोग क्यों किया जाता है किसी व्यंजन में?
कायन पैपर लाल मिर्च का SHU बहुत ज्यादा होता है और इन्हें तीखी मिर्च के रूप में जाना जाता है। साथ ही इनका रंग भी गहरा लाल होता है इसी वजह से किसी भी व्यजंन में इनका प्रयोग तीखापन बढ़ाने व अच्छा रंग लाने के लिए किया जाता है।
11. आन्ध्र प्रदेश में किया जाता है 273 रिंकल्ड लाल मिर्च (273 Wrinkled Dry Red Chilli) का सबसे ज्यादा उत्पादन
273 Wrinkled लाल मिर्च हमारी लाल मिर्च की विभिन्न वैरायटी में एक बहुत फेमस मिर्च है जिसका प्रयोग देश ही नहीं ब्लकि विदेशों में भी बहुत किया जाता है।
273 रिंकल्ड लाल मिर्च अपने बेहतरीन लाल रंग, सुगंध व सामान्य तीखेपन के लिए भोजन पकाने व खाने वालों के बीच खासी मशहूर है। अगर हम 273 Wrinkled लाल मिर्च के आकार की बात करें तो यह देखने में पतली, लाल गहरे रंग की, लंबी मिर्च होती हैं।
273 Wrinkled लाल मिर्च का उत्पादन भारत में सबसे ज्यादा आंध्र प्रदेश राज्य के गुंटुर जिले में किया जाता है।
क्यों पसंद किया जाता है 273 Wrinkled लाल मिर्च का प्रयोग करना किसी भी तरह के भोजन में?
किसी भी तरह के भोजन में बेहतरीन रंग व खुशबु के साथ-साथ जब हम कम तीखेपन को प्राथमिकता देते हैं तब 273 Wrinkled लाल मिर्च का प्रयोग किया जाता है।
12. इंडम 5 लाल मिर्च (Indam 5 Red Chilli) है एक नहीं ब्लकि कई नामों से प्रसिद्ध
लाल मिर्च की कितनी किस्में उगाई जाती है इस संदर्भ में Indam 5 लाल मिर्च हमारी अगली लाल मिर्च हैं जो कहां उगती है, कैसी होती है व क्यों प्रयोग की जाती है इन सभी पहलुओं के बारे में हम विस्तार से बात करेंगे।
इंडम 5 लाल मिर्च का उत्पादन आन्ध्र प्रदेश में किया जाता है। यह एक तीखी (Spicy) लाल मिर्च है जो कि देश में कई नामों से प्रसिद्ध है। इंडम 5 को Indo 5 Chilli, Endo 5 Chilli आदि नामों से भी जाना जाता है।
Indam 5 लाल मिर्च में तीखेपन का स्तर 40,000 से लेकर 50,000 SHU होता है जो कि इंडम 5 को बहुत तीखी मिर्च की सूची में लाकर खड़ा कर देता है।
इंडम 5 लाल मिर्च का प्रयोग क्यों किया जाता है भोजन में?
गहरे लाल रंग के साथ काफी ज्यादा मात्रा में तीखापन होने के कारण इंडम 5 लाल मिर्च का प्रयोग भोजन में लाल रंग व तीखापन लाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है।
13. वंडर हॉट (Wonder Hot Red Chilli) है आन्ध्र प्रदेश की एक और फेमस लाल मिर्च
Wonder hot लाल मिर्च भारत के आंध्र प्रदेश में उगने वाली एक और प्रसिद्ध लाल मिर्च है जिसे कि भारत में व भारत के बाहर भी बहुत पसंद किया जाता है।
वंडर हॉट लाल मिर्च आकार में लंबी और रंग में गहरी लाल होती हैं। 5000 से 8000 SHU तीखेपन के स्तर के साथ वंडर हॉट लाल मिर्च तीखेपन के मामले में इंडम 5 और कायन पैपर लाल मिर्च के मुकाबले में कम तीखी होती है।
Wonder Hot लाल मिर्च का इस्तेमाल क्यों किया जाता है किसी भी तरह के भोजन में?
वंडर हॉट लाल मिर्च का इस्तेमाल किसी भी तरह के भोजन में अच्छा रंग व कम मात्रा में तीखापन लाने के लिए किया जाता है। वंडर हॉट लाल मिर्च किसी भी व्यंजन में बेहतरीन रंग के साथ खुशबु लाने के लिए भी प्रयोग की जाती है।
14. इलाचीपुर S4 सन्नम (Ellachipur Sannam S4 Red Chilli) है महाराष्ट्र में उगने वाली प्रसिद्ध लाल मिर्च
इलाचीपुर S4 सन्नम लाल मिर्च कितने प्रकार की होती है इस संदर्भ में हमारी अगली लाल मिर्च है जिसे देश में बहुतायत में प्रयोग किया जाता है।
Ellachipur Sannam S4 लाल मिर्च महाराष्ट्र राज्य के अमरावती जिले में उगाई जाती है। इलाचीपुर S4 सन्नम लाल मिर्च का गहरा रंग होता है जबकि स्वाद में ये काफी तीखी होती हैं।
इलाचीपुर S4 सन्नम लाल मिर्च को उगाने का उपयुक्त समय सितंबर से लेकर दिसंबर तक माना जाता है।
किस वजह से किया जाता है इलाचीपुर S4 सन्नम लाल मिर्च का इस्तेमाल खाने में?
इलाचीपुर S4 सन्नम लाल मिर्च किसी भी प्रकार के खाने में अच्छा स्वाद, फ्लैवर, रंग, खुशबु व तीखापन लाने के लिए प्रयोग की जाती है।
15. एक नहीं ब्लकि तीन राज्यों में उगाई जाती है प्रसिद्ध लाल मिर्च S17 तेजा (S17 Teja)
S17 तेजा लाल मिर्च एक बहुत प्रभावी लाल मिर्च है जो कि अपने रंग, महक, स्वाद व तीखेपन के लिए जानी जाती है। S17 Teja Red Chilli को भारत की सबसे ज्यादा तीखी मिर्च की श्रेणी में गिना जाता है।
अगर हम S17 तेजा लाल मिर्च के उत्पादन क्षेत्र की बात करें तो S17 तेजा लाल मिर्च को अधिकतर आन्ध्र प्रदेश, तेलंगाना एवं मध्य प्रदेश राज्यों में बहुतायत में उगाया जाता है।
S17 तेजा लाल मिर्च में तीखेपन का स्तर 65,000 से 85,000 SHU के बीच पाया जाता है जो कि इस बात को प्रमाणित करता है कि यह बहुत तीखी मिर्चों में से एक है।
क्यों किया जाता है S17 तेजा लाल मिर्च का प्रयोग खाने में?
S17 तेजा लाल मिर्च किसी भी व्यंजन को एक बेहतरीन रंग, खुशबु व बहुत अधिक मात्रा में तीखापन प्रदान करती है। अतः वो व्यंजन जिन्हें हम रंग, स्वाद, तीखेपन व महक के द्वारा और ज्यादा स्वादिष्ट बनाना चाहते हैं उनमें S17 तेजा लाल मिर्च का प्रयोग करते हैं।
16. टाड़ेपल्ली (Tadapally Red Chilli) लाल मिर्च की विभिन्न किस्मों में से एक
Tadapally लाल मिर्च आन्ध्र प्रदेश में उगाई जाने वाली एक और लाल मिर्च है जिसे विभिन्न व्यंजनों में स्वाद को बढ़ाने के लिए प्रयोग किया जाता है।
टाडेपल्ली लाल मिर्च के आकार की बात करें तो यें देखने में लंबी व मोटी होती हैं जबकि इनका रंग तेज लाल होता है।
टाडेपल्ली लाल मिर्च में तीखेपन का स्तर 15000 से 18000 SHU यूनिट होता है जो कि इस बात का प्रमाण है कि Tadapally Red Chilli खाने में सामान्य रूप से तीखी होती हैं।
क्या है टाडेपल्ली लाल मिर्च का प्रयोग किसी भी व्यंजन में?
टाडेपल्ली लाल मिर्च का प्रयोग किसी भी ऐसे व्यंजन में किया जाता है जिसमें हम एक अच्छा रंग व स्वाद तो देना चाहते हों लेकिन तीखेपन को कम ही रखना चाहते हों। टाडेपल्ली लाल मिर्च कम तीखेपन के स्तर के कारण भोजन को ज्यादा तीखा नहीं बनाती है।
17. महाराष्ट्र में उगने वाली विभिन्न लाल मिर्च की किस्मों में एक है संकेश्वरी (Sankeshwari Chilli)
लाल मिर्च की विभिन्न किस्मों के नाम क्या हैं इस प्रश्न के जवाब में संकेश्वरी लाल मिर्च का नाम लेना तो बनता है। संकेश्वरी लाल मिर्च अधिकतर महाराष्ट्र में उगाई जाती है।
Sankeshwari Red Chilli देश की बहुत तीखी मिर्चों में से एक है जो कि अधिकतर विभिन्न प्रकार की ग्रेवी, फिश आदि व्यंजन बनाने के लिए प्रयोग की जाती है।
संकेश्वरी लाल मिर्च के आकार की बात करें तो ये देखने में काफी लंबी व पतली होती हैं जबकि इनका रंग गहरा लाल होता है।
क्यों किया जाता है संकेश्वरी लाल मिर्च का प्रयोग किसी भी व्यंजन में?
संकेश्वरी लाल मिर्च में तीखेपन का स्तर काफी ज्यादा होता है साथ ही ये व्यंजन को अच्छा लाल रंग भी प्रदान करती हैं। किसी भी तरह के व्यंजन में बढ़िया तीखापन, स्वाद व रंग लाने के संकेश्वरी लाल मिर्च का प्रयोग किया जाता है।
18. भारत के उत्तरीय राज्यों में मुख्य रूप से उगाई जाती है नागा लाल मिर्च (Naga Red Chilli)
लाल मिर्च कितने प्रकार की होती है इस संदर्भ में अब हम जिस लाल मिर्च की बात करने जा रहे हैं उसका नाम है नागा लाल मिर्च।
नागा लाल मिर्च को नागा मोरिच मिर्च के नाम से भी जाना जाता है। नागा लाल मिर्च अधिकतर भारत के उत्तरीय राज्यों जैसे मणिपुर, मेघालय, अरुणाचल प्रदेश, असम, त्रिपुरा व खासकर नागालैंड में मुख्य रूप से उगाई जाती है।
नागा लाल मिर्च आकार में छोटी व मोटी मिर्च होती हैं जो कि कुछ हद तक भूत जोलोकिया लाल मिर्च के जैसी होती हैं।
नागा लाल मिर्च का इस्तेमाल क्यों किया जाता है किसी भी प्रकार के व्यंजन में?
नागा लाल मिर्च में तीखापन बहुत मात्रा में पाया जाता है लेकिन ये स्वाद में कुछ खट्टी व मीठी लगती हैं। किसी भी व्यंजन को खट्टेपन के साथ चटपटा बनाने के लिए नागा लाल मिर्च का प्रयोग किया जाता है।
19. राजस्थान में उगने वाली फेमस लाल मिर्च है मथानिया (Mathania Red Chilli)
भारत में लाल मिर्च की कितनी वैरायटी मिलती हैं इस श्रृंखला में अब हम बात करने जा रहे हैं भारत में उगने वाली एक और तीखी लाल मिर्च मथानिया की।
मथानिया लाल मिर्च का उत्पादन राजस्थान में किया जाता है। राजस्थान के जोधपुर में एक गांव है मथानिया जहां मथानिया लाल मिर्च की खेती विशेष रुप से की जाती है।
Mathania Red Chilli को लाल बादशाह ऑफ राजस्थान के नाम से भी जाना जाता है। मथानिया लाल मिर्च देखने में लंबी, लाल रंग की पतली मिर्च होती हैं।
क्यों प्रयोग किया जाता है मथानिया लाल मिर्च को किसी भी व्यंजन में?
मथानिया मिर्च का प्रयोग किसी भी प्रकार के व्यंजन में हल्का तीखापन, गहरा रंग व अच्छा स्वाद लाने के लिए प्रयोग किया जाता है।
20. तीखेपन में है एकदम अव्वल लोंगी लाल मिर्च (Longi Red Chilli)
क्या हैं लाल मिर्च की विभिन्न किस्मों के नाम इस क्रम में हमारी अगली मिर्च का नाम है लोंगी मिर्च। लोंगी मिर्च को अधिकतर पाउडर के रुप में प्रयोग किया जाता है।
गहरे लाल रंग की आकार में मोटी व लंबाई में छोटी लोंगी मिर्च को विश्व की सबसे ज्यादा तीखी मिर्च की श्रेणी में गिना जाता है।
क्यों किया जाता है लोंगी लाल मिर्च का इस्तेमाल किसी व्यंजन में?
लोंगी लाल मिर्च का प्रयोग किसी भी व्यंजन में अच्छा रंग, स्वाद व तीखापन लाने के लिए किया जाता है। भोजन में मिर्च के शौकीन उन लोगों के लिए Longi Lal Mirch बहुत अच्छा विकल्प है जिन्हें तीखापन बहुत ज्यादा पसंद होता है।
21. गोवा की पहाड़ियों पर उगने वाली लाल मिर्च है खोला (Khola Red Chilli)
खोला मिर्च इस संदर्भ में कि लाल मिर्च कितने किस्म की होती है हमारी अगली मिर्च है। गोवा के खोला गांव की पहाडियों पर उगने वाली Khola Red Chilli को Kholchi मिर्ची के नाम से भी जाना जाता है।
खोला लाल मिर्च गहरे लाल रंग की होती हैं जबकि आकार में ये काफी लंबी व थोड़ी मोटी होती हैं। खोला लाल मिर्च में तीखेपन का स्तर सामान्य होता है।
क्यों किया जाता है खोला लाल मिर्च का प्रयोग भोजन में?
किसी भी प्रकार के भोजन में अच्छा रंग, स्वाद व सामान्य मात्रा में तीखापन लाने के लिए गोवा की प्रसिद्ध लाल मिर्च खोला मिर्च का प्रयोग किया जाता है।
22. महाराष्ट्र के एक शहर से संबंधित है हिंदुपुर S7 लाल मिर्च (Hindupur S7 Red Chilli) का नाम
हिंदुपुर S7 मिर्च लाल मिर्च के विभिन्न प्रकार में एक है जिसकी गिनती विश्व की तीखी मिर्च के नामों में होती है। Hindupur S7 लाल मिर्च आन्ध्र प्रदेश के हिन्दुपुरम अर्थात हिन्दुपुर में मुख्य रूप से उगाई जाती है।
दिसंबर से मार्च के बीच उगने वाली हिंदुपुर S7 मिर्च का रंग बढ़िया गहरा लाल होता है जबकि आकार में यें लंबी व पतली होती हैं। हिंदुपुर S7 लाल मिर्च स्वाद में काफी तीखी होती हैं।
हिंदुपुर S7 लाल मिर्च का प्रयोग क्यों किया जाता है किसी व्यंजन में?
तीखेपन के ज्यादा स्तर के कारण किसी भी तरह के भोजन में तीखापन लाने के लिए हिंदुपुर S7 मिर्च का प्रयोग किया जाता है। साथ ही बढ़िया लाल रंग होने के कारण हिंदुपुर S7 मिर्च भोजन को एक अच्छा रंग भी प्रदान करती है।
23. मध्यप्रदेश के कई क्षेत्रों में उगाई जाती है जीटी सन्नम लाल मिर्च (GT Sannam Red Chilli)
भारत में कितने प्रकार की लाल मिर्च पायी जाती है या लाल मिर्च कितने प्रकार की होती है इस संदर्भ में जीटी सन्नम लाल मिर्च की चर्चा करना तो बनता है।
जनवरी से मार्च की समयवधि के बीच उगने वाली GT Sannam Red Chilli को मध्य प्रदेश राज्य के इंदौर, मल्कापुर चिक्ली व इलोहपुर क्षेत्रों में मुख्य रूप से उगाया जाता है।
देखने में गहरे लाल रंग की लंबी व पतली जीटी सन्नम लाल मिर्च स्वाद में सामान्य रूप से तीखी होती है। जीटी सन्नम लाल मिर्च में तीखेपन का स्तर 18,000 से 22,000 SHU होता है।
क्यों किया जाता है जीटी सन्नम लाल मिर्च का प्रयोग भोजन में?
सामान्य मात्रा में तीखापन व गहरे लाल रंग होने के कारण जीटी सन्नम लाल मिर्च का प्रयोग किसी भी तरह के भोजन में सामान्य तीखेपन के साथ-साथ अच्छा रंग लाने के लिए किया जाता है।
24. तमिलनाडु के विभिन्न क्षेत्रों में की जाती है सत्तुर S4 लाल मिर्च (Sattur S4 Red Chilli) की खेती
भारत के तमिलनाडु राज्य में विभिन्न क्षेत्रों डिंडीगुल (Dindigul), सत्तुर (Sattur), राजपलायम (Rajapalayam), संकर्णकोइल (Sankarankoil) व थेनी (Theni) में उगाई जाने वाली सत्तुर S4 लाल मिर्च भारत में उगने वाली एक प्रसिद्ध लाल मिर्च है।
सत्तुर S4 लाल मिर्च को उगाने का उपयुक्त समय सितंबर से मार्च के बीच में होता है। Sattur S4 Chilli देखने में बढ़िया लाल रंग की पतली व लंबी मिर्च होती है।
क्यो किया जाता है भोजन में सत्तुर S4 लाल मिर्च का प्रयोग?
सत्तुर S4 लाल मिर्च किसी भी तरह के व्यंजन में तीखापन, रंग व स्वाद लाने के लिए अधिकतर प्रयोग की जाती है। सत्तुर S4 लाल मिर्च मिर्च को इनके तीखेपन के लिए जाना जाता है।
25. केरल व कर्नाटक में उगने वाली स्कॉच बोनट लाल मिर्च (Scotch Bonnet Red Chilli) देखने में होती है छोटी व मोटी
भारत में उगने वाली लाल मिर्च की किस्में जिनकी आज हम बात कर रहे हैं में स्कॉच बोनट लाल मिर्च का भी एक अहम स्थान है।
Scotch Bonnet Red Chilli का उत्पादन भारत में केरल और कर्नाटक राज्यों में मुख्य रूप से किया जाता है। अगर हम स्कॉच बोनट लाल मिर्च के आकार की बात करें तो ये देखने में मोटी व लंबाई में छोटी होती हैं।
देश में स्कॉच बोनट मिर्च कई वैरायटी व रंग में उपलब्ध होती है।
क्या है स्कॉच बोनट लाल मिर्च का उपयोग किसी भी तरह के भोजन में?
स्कॉच बोनट लाल मिर्च में तीखेपन का स्तर काफी ज्यादा होता है। इन्हें विश्व की सबसे ज्यादा तीखी मिर्च में गिना जाता है। स्कॉच बोनट लाल मिर्च का SHU स्तर 1,00,000 से 3,50,000 के बीच होता है।
किसी भी तरह के व्यंजन में तीखापन लाने के लिए इन्हें अधिकतर प्रयोग किया जाता है।
26. जनवरी से मार्च के बीच नागपुर में उगाई जाती है नलचेट्टी लाल मिर्च (Nalchetti Red Chilli)
महाराष्ट्र के नागपुर में उगाई जाने वाली नलचेट्टी मिर्च लाल मिर्च की विभिन्न किस्मों में एक और तीखी व स्वादिष्ट मिर्च है।
Nalchetti Red Chilli स्वाद में बहुत तीखी होती है जबकि अगर आकार की बात करें तो ये लाल मिर्च की अधिकतर किस्मों की तरह ही लंबी व पतली होती हैं।
नलचेट्टी लाल मिर्च में तीखेपन का स्तर 19,000 SHU के समकक्ष होता है। नलचेट्टी लाल मिर्च को उगाने के लिए उपयुक्त समय जनवरी से मार्च के बीच माना जाता है।
क्यों किया जाता है नलचेट्टी लाल मिर्च का प्रयोग भोजन में?
नलचेट्टी लाल मिर्च को अच्छे तीखेपन व गहरे लाल रंग की वजह से किसी भी व्यंजन में अच्छा रंग, स्वाद और तीखापन लाने के लिए प्रयोग किया जाता है।
27. आन्ध्र प्रदेश के नैलौर जिले में उगाई जाती है मद्रास पुरी लाल मिर्च (Madras Puri Red Chilli)
लाल मिर्च कितने प्रकार की होती है इस संदर्भ में हमारी अगली मिर्च है मद्रास पुरी। मद्रास पुरी लाल मिर्च को आन्ध्र प्रदेश के नैलौर जिले में मुख्य रूप से उगाया जाता है।
Madras Puri Red Chilli भारत में उगने वाली विभिन्न तीखी मिर्चों में से एक है। मद्रास पुरी मिर्च का रंग गहरा लाल होता है जबकि ये आकार में लंबी होती हैं।
क्यों किया जाता है मद्रास पुरी लाल मिर्च का प्रयोग किसी व्यंजन में?
किसी भी तरह के व्यंजन में तीखापन लाने के लिए मद्रास पुरी लाल मिर्च का प्रयोग तो किया ही जाता है साथ ही अच्छा लाल रंग होने के कारण विभिन्न व्यंजनों में बढ़िया रंग लाने के लिए भी मद्रास लाल मिर्च का इस्तेमाल किया जाता है।
क्या है लाल मिर्च की विशेषता जो उन्हें बनाती है Green Chilli से अलग?
लाल मिर्च की एक मुख्य विशेषता जो उन्हें हरी मिर्च से अलग बनाती है वो यह है कि हम लाल मिर्च को किसी भी व्यंजन में साबुत व पाउडर दोनों तरह से इस्तेमाल कर सकते हैं।
लाल मिर्च को मुख्य रूप से किसी भी व्यंजन खासकर ग्रेवी में बढ़िया रंग, स्वाद, तीखापन व महक लाने के लिए प्रयोग किया जाता हैं। उपरोक्त बतायी गई लाल मिर्च की किसी भी किस्म का प्रयोग करने से भोजन ज्यादा स्वादिष्ट बनता है व देखने में भी बहुत आकर्षक (Tempting) लगता है।
आज हमने मिर्च की उन सभी किस्मों के बारे में विस्तार से जाना जिनसे लाल मिर्च बनाई जाती है। लाल मिर्च की उपरोक्त किस्में भारत व भारत के बाहर बहुत पसंद की जाती हैं।
लाल मिर्च कितने प्रकार की होती हैं अगर इस बारे में आपके कुछ सवाल या सुझाव हों तो हमें नीचे कमेंट बॉक्स में अवश्य लिखें। हमें आपके विचारों का इंतजार रहेगा।
मेरा नाम सोनम सैनी है। मैं इस मंच – ‘मेरी पाकशाला’ की संस्थापिका हूँ। रसोई कला से सम्बंधित कोई भी जानकारी आप तक पहुंचाना मेरा उद्देश्य है। मैं एक प्रकाशित लेखिका व गीतकार भी हूँ।